भारत के रास्ते नेपाल के बाजारों मे रक्त चंदन की खेप तस्करों द्वारा निर्बाध गति से पहुचाने का सिलसिला लम्बे समय से जारी है सीमा पर एस.एस.बी की तैनाती के बाद इसमें थोड़ा कमी जरूर हुयी थी परन्तु समय समय पर सीमा पर हो रही बरामदगी से इसका खुलासा होता रहा है कि अभी इसपर और लगाम लगाने की जरूरत है । दरअसल रक्त चन्दन की तस्करी करने वाले तस्कर सीमावर्ती भारतीय बाजारों के गोदामों मे इसे संग्रहित करते है और समय और रास्ते के अनुकूल होने पर इसे नेपाल के बाजारों मे पहुंचा देते हैं । सीमा पर स्थित कस्टम अधिकारियों का कहना है कि कस्टम हाउस की अनुपलब्धता के कारण नेपाल जा रहे सामानों की गहन जांच सम्भव नहीं हो पाती है सामानों के कागजात सही होने पर उन्हें शीघ्र सीमा पार करने की प्रक्रिया की जाती है । इतना जरूर है कि मुखबिरों की सूचना पर वाहनों की गहन तलाशी की जाती है और बरामदगी कर ली जाती है । कभी कभी मुख्य मार्ग को छोड़ कर अन्य मार्गों का उपयोग तस्करों द्वारा किया जाता है जहां तैनात एस.एस.बी द्वारा तलाशी के द्वारा भी बरामदगी कर ली जाती है । अभी कुछ दिन पूर्व महराजगंज जिले के सीमावर्ती कस्बा सोनौली मे कस्टम विभाग ने एक ट्रक मे अवैध रूप से बनाये गये कैविटी मे छुपायी गयीं ढाई कुन्टल रक्त चंदन की लकड़ी बरामद की गयीं जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मे कीमत 2.5 करोड आंकी गयी । पकडे गये तस्करों द्वारा बताया गया कि इसे सीमावर्ती बाजार के एक गोदाम मे रखा गया था फिर वहां से ट्रक द्वारा नेपाल भेजने का प्रयास किया जा रहा था । चीन मे है रक्त चंदन की भारी मांग ः चीन मे रक्त चंदन की भारी मांग के कारण वहां इसकी सर्वाधिक कीमत लगायी जाती है इस लिए तस्कर इसे नेपाल से चीन आसानी से भेज देते हैं । चीन मे रक्त चंदन को लेकर अनेक मान्यताएं एवं धारणा है वहां के लोगों मे प्रचलित है कि घर के दरवाजे और खिडकियो मे यदि चंदन का उपयोग किया जाये तो हर तरह का वास्तु दो, समाप्त हो जाता है ।इसके अतिरिक्त चंदन के पलंग पर सोने से अनिद्रा एवं डिप्रेशन की समस्या से मुक्ति मिल जाती है । इसके अतिरिक्त चीन के बौद्ध भिक्षु भी इसे अनेक औषधियों एवं तंत्र क्रियाओं मे इसका उपयोग करते हैं इसी कारण वह इसके लिये हर कीमत चुकाने के लिये तैयार रहते हैं यही कारण है कि चंदन की तस्करी तस्करों के लिये काफी लाभ का ब्यापार माना जाता है । सर्वप्रथम तस्करों द्वारा इसे सीमावर्ती कस्बों के गोदामों मे इकट्ठा किया जाता है फिर उसे नेपाल के बाजारों मे पहुंचाया जाता है नेपाल से चीन के बाजारों मे इसे आसानी से भेज दिया जाता है । इस काम मे सीमा पर एक रैकेट सक्रिय है जो भारत और नेपाल के प्रमुख बाजारों तक इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य करता है इसके लिए तस्करों द्वारा प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर ,श्रावस्ती आदि जिलों के महत्वपूर्ण बाजारों मे अपना ठिकाना बना कर इस कार्य को अंजाम दिया जाता है । तस्करों के अनुसार हमेशा उन्हें इस काम मे सफलता नहीं मिलती है कभी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का शिकंजा ,और कभी नेपाल द्वारा चलाये जा रहे अभियान से उनका कार्य बाधित होता है और उन्हें नुकसान होता है । बावजूद इसके उनका कार्य चलता रहता है । एस .एस. बी के एक महत्वपूर्ण अधिकारी के अनुसार नेपाल एक मित्र राष्ट्र है हमें सीमा की रखवाली के दौरन इस तथ्य को भी ध्यान मे रखना पडता है । इस सब के बावजूद सीमा पर उनके द्वारा बरामदगी की जाती रही है । रक्त चंदन सहित अन्य प्रतिबंधित समानो की भी बरामदगी उनके द्वारा की जाती रही है ।