Monday, December 23, 2024
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बर्बादी की कगार पर बांग्लादेश

 

 

 

 

भारत का एक और पडोसी बांग्लादेश पाकिस्तान की तर्ज पर बर्बादी की कगार पर खडा है । भारत ने अपना हाथ पीछे खींच लिया है नतीजतन पूरी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गयीं है  भारत से ही बांग्लादेश अपनी  अधिकांश आवश्यकता पूरी करता था परन्तु भारत विरोध उसे काफी मंहगा पड रहा है । हालांकि बांग्लादेश की सत्ता पर बैठे मुहम्मद यूनूस अब भारत से गुहार कर रहे हैं परन्तु स्थितियां इतनी जटिल हो चुकी हैं कि भारत  ने अभी और कुछ समय तक नजर बनाये रखने का निर्णय लिया है । एक अर्थशास्त्री होने के बावजूद मुहम्मद युनूस अपने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ का सही आंकलन नहीं कर सके और सत्ता हासिल होते ही अमेरिका के इशारे पर भारत का विरोध करने लगे ।इसके परिणाम स्वरूप एक तरफ अर्थव्यवस्था डूबने की स्थिति मे आगयी है वहीं देश के टूटने का खतरा भी मुह बाये खडा है अब उनके समझ मे नहीं आ रहा है कि क्या करें ।भारत के नाराजगी के कारण बांग्लादेश मे दवाओं सहित अन्य जीवनोपयोगी वस्तुओं की कमी से आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है । देश मे बिजली नहीं है वाहनों के लिए डीजल और पेट्रोल के भी लाले पडे हैं । धार्मिक उन्माद का जो बीज बोया है उसके कारण देश के बंटवारे की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता ।                कट्टरपंथियों के हाथ मे सत्ता ः                                  बांग्लादेश की इस दुर्दशा का कारण वहां के कट्टरपंथी संगठन जमाते इस्लामी का सत्ता मे हस्तक्षेप के कारण है । कुछ माह पूर्व जब छात्र आन्दोलन के बहाने छात्र आन्दोलन को बरगला कर धार्मिक रूप देकर तख्तापलट किया गया उसमे जमाते इस्लामी सहित कट्टरपंथी संगठन ही मुख्य भूमिका मे थे । जमाते इस्लामी एक इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है और विषेश रूप से भाररत , पाकिस्तान ,और बांग्लादेश मे सक्रिय है । भारत मे लोकतंत्र का सहारा लेकर अपनी गतिविधियों को संचालित करता है और पाकिस्तान तथा बांग्लादेश मे इस्लाम का हवाला देकर सत्ता पर अपनी पकड मजबूत करता है । पाकिस्तान की तबाही का कारण स्पष्ट रूप से धार्मिक कट्टरवाद ही है । पाकिस्तान के हालात से सबक न लेते हुये बांग्लादेश मे जिस तरह शेख हसीना की सरकार अपदस्थ करके कट्टरपंथीयों के हाथ मे सत्ता गई और धार्मिक उन्माद के कारण बांग्लादेशी हिन्दुओं एवं उनके मंदिरों पर आक्रमण कर जिस तरह छति पहुंचाई इससे इनका घिनौना रूप सामने आगया । भारत सरकार ने तो मुहम्मद यूनूस को आगाह भी किया कि यदि हिन्दुओं पर हो रहे हमले बन्द नही किये गये तो भारत कडी कार्यवाई के लिये मजबूर होगा । भारत की चेतावनी के बाद हालात मे सुधार तो हुआ पर कट्टरपंथियों के दबाव मे सत्ता मे बैठे मुहम्मद यूनूस भारत के विरोध मे कुछ ऊल जूलूल बयान देकर अपने पैरो मे कुल्हाड़ी मार ली । जबाव मे जब भारत ने कडा रूख अपनाया तो बांग्लादेश तबाही की ओर बढने लगा क्योंकि बांग्लादेश की पूरी अर्थव्यवस्था भारत के सहयोग के बगैर कभी आगे नहीं बढ सकती और ऐसा तभी सम्भव है जब बांग्लादेश मे एक धर्मनिरपेक्ष और चुनी गयीं सरकार हो ।  हिन्दुओं का भी आन्दोलन ः                                    अपने उपर हो रहे हमले और तोडे जा रहे मंदिरों के विरोध मे बांग्लादेश के हिन्दू भी सडक पर हैं और लगातार आन्दोलन कर रहे हैं हिन्दू संगठन बांग्लादेश सरकार से एक अलग देश की मांग कर रहे हैं उनका तर्क है मुस्लिम वर्ग हिन्दुओं के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल मे नही रहना चाहते तो उसके लिये उन्हे एक हिस्सा उपलब्ध कराया जाय जहां हिन्दू स्वतंत्र रूप से रह सके। मुहम्मद यूनूस पर भी दबाव बढता जा रहा  है और देश के टुकड़े होने की सम्भावना बढ गयीं है । देश के हालात बदतर होते जा रहे हैं । शेख हसीना के शाशन काल मे जो अर्थव्यवस्था लगातार उपर की तरफ जा रही थी और देश तेजी से आगे बढ रहा था  वहीं अब हालात ये हो गये हैं कि पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश को भी आई एम एफ के सामने गिडगिडाने के लिये मजबूर होना पड रहा है ।      अब बांग्लादेश को संकट की इस घडी मे भारत की याद आ रही है मुहम्मद यूनूस भारत को मनाने का प्रयास कर रहे है । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय अमेरिका मे हैं अमेरिका 23 सितंबर तक अमेरिका मे कई कार्यक्रमों मे हिस्सा लेंगे । मुहम्मद यूनूस भी ठीक इसी समय एक कार्यक्रम मे हिस्सा लेने के लिये अमेरिका मे मौजूद रहेंगे । मुहम्मद यूनूस ने भारत से आग्रह किया है कि भारत और बांग्लादेश के बीच द्वीपक्षीय वार्ता के लिये अमेरिका मे समय निर्धारित किया जाय । इस पर भारत ने कार्यक्रम की व्यस्तता का हवाला देकर मुलाकात से इंकार कर दिया है । भारत के इस उत्तर से यूनूस को बडा झटका लगा है  ।भारत अगर इसी तरह बांग्लादेश की अनदेखी करता रहा तो बांगलादेश एक ऐसे दलदल मे फंस जायेगा जहां से निकलना उसके लिये काफी मुस्किल होगा । आगे क्या स्थिति बनती है यह आने वाले समय मे स्पष्ट हो सकेगा ।

 

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