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राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे को लेकर तथा वहां दिए गये कुछ आपत्तिजनक बयानों के कारण पूरे देश मे तूफान मचा हुआ है आम अवाम से लेकर राजनीतिक गलियारों मे राहुल गांधी को लेकर काफी आलोचना हो रही है । ऐसा इसलिए भी क्योंकि राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश के विरुद्ध बोल कर देश की अस्मिता पर चोट पहुंचाई है । हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ इसके पहले भी राहुल गांधी विदेशी दौरे पर अक्सर देश विरोधी बातें करते रहे हैं इतना ही नहीं भारत विरोधी शक्तियों के साथ इनके प्रगाढ़ सम्बन्धों पर भी सवाल उठते रहे हैं ।परन्तु इस बार के अमेरिकी दौरे पर उन्होंने सारी हदें पार कर दी । परिणामस्वरूप देश मे प्रतिक्रिया तो होनी ही थी और पूरा देश राहुल गांधी के इस आचरण को लेकर आक्रोशित है । वैसे देश मे राहुल को कोई सीरीयस राजनेता के रूप मे नही लेता । अमेरिका मे राहुल गांधी का बयान ः अपने अमेरिका दौरे पर अमेरिका मे भारतवंशियों को सम्बोधित करते हुये राहुल गांधी ने कहा कि हम समय सही होने पर देश मे आरक्षण को समाप्त करने के बारे मे विचार करेंगे । राहुल गांधी के यह कहने को लेकर पूरे देश मे हडकंप मच गया कि जो राहुल गांधी देश की संसद मे खडे होकर आरक्षण को ले कर जातीय जनगणना कराने की बात का पुरजोर समर्थन कर रहे थे वहीं विदेश मे जाकर इस तरह की बातें करते हैं इससे उनका तथा कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है इसी को लेकर देश के राजनीतिक दल हतप्रभ थे तो भाजपा ने कांग्रेस के विरुद्ध आक्रामक रूख अख्तियार करते हुये इसका पुरजोर विरोध किया ।राहुल गांधी के इस वक्तव्य को लेकर कांग्रेसी भी असहज दिखाई दिये उनके पास इसका कोई जबाव नहीं था और पूरे देश मे राअहुल गांधी का विरोध अभी भी जारी है । इसके अतिरिक्त एक अन्य कार्यक्रम मे राहुल ने सिक्खो पर टिप्पणी करते हुये कह दिया कि देश मे सिख सुरक्षित नहीं हैं वे केश ,कंघा,कृपाण ,कडा आदि का प्रयोग नहीं कर सकते ( यह उनके जीवन पद्धति का विशेष अंग है ) तथा उन्हें अपने धार्मिक स्थल पर भी जाने से रोका जाता है । राहुल गांधी के इस बयान के बाद देश का सिख समुदाय काफी आहत हुआ और देश के सिख संगठन ने सडक पर उतर कर अपना विरोध दर्ज कराया इतना ही नही राहुल के घर के बाहर प्रदर्शन करते हुये घर का घेराव किया तथा उनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराने की मांग की । यह मामला उस समय और तूल पकड लिया जब अमेरिका मे रहने वाला अलग देश खालिस्तान का समर्थक संगठन सिख फार जस्टिस का मुखिया पन्नू ने कहा कि राहुल गांधी सही कह रहे हैं हमारा संगठन भी यही मांग भारत सरकार से करता आ रहा है । पन्नू के इस बयान के बाद भारतीय सिख समुदाय भडक गया और राहुल पर आरोप लगने लगे की विदेशों मे जाकर राहुल देश का अपमान कर रहे हैं उनके उपर कडी कार्यवाई की मांग भी सिख समुदाय द्वारा की गयीं । हालांकि यह बात भी स्पष्ट है कि देश मे लोग राह गांधी को सीरीयस नेता के रूप मे नहि लेते । परन्तु विदेशी धरती पर राहुल गांधी के इस तरह के वक्तव्य को देश की जनता ने नकारते हुये इसे गैर जरूरी और खतरनाक वक्तव्य बताया है । अमेरिका मे राहुल ने किससे मुलाकात कीः अमेरिकी दौरे पर राहुल गांधी के बयान इस लिये भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि राहुल गांधी लोकसभा मे LOP हैं जो एक संवैधानिक पद है । ऐसे मे विदेशों मे जाकर देश के विरुद्ध बोलना देश की छवि खराब करना बहुत ही चिंता जनक है । देश विरोधी बयानों के अतिरिक्त राहुल गांधी ने अमेरिकी सांसद इल्हाम उमर से मुलाकात कर देश मे सनसनी मचा दी याद रहे इल्हान उमर वहीं सांसद हैं जो पिछले दिनों पाकिस्तान के पी ओ के का दौरा किया था और उसे पाकिस्तान का माना था ।इसके अतिरिक्त भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी सांसदों के साथ आयोजित एक कार्यक्रम का बहिष्कार किया था । उमर लम्बे समय से भारत विरोधी गतिविधियों मे लिप्त रहती हैं और भारत का विरोध करती रहती हैं ।ऐसे मे ऐसे शख्स से राहुल गांधी का मिलना ,राहुल गांधी को कठघरे मे खडा कर देता है ।इसी बात को लेकर देश मे भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है तथा राहुल गांधी को लेकर देश मे भी आक्रोश है ।इसी बीच आक्रोशित कुछ सत्तारूढ दल के नेताओं द्वारा राहुल पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने सडक पर उतर कर प्रदर्शन भी किया । दरअसल राहुल गांधी द्वारा अमेरिका मे देश विरोधी गतिविधियों से आक्रोशित आम जनता का एवं देश का ध्यान भटकाने के लिये कांग्रेसी इस को बडा मुद्दा बनाना चाहते है जबकि सच्चाई यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध इससे भी ज्यादा आपत्तिजनक टिप्पणी की है । भाजपा और कांग्रेस की आपसी लडाई के इतर देश के बारे मे सोचना सभी राजनीतिक दलों के लिये अति आवश्यक है । इस लिये राहुल गांधी की विभाजन वाली राजनीति देश के लिये हानिकारक है चाहे वह देश मे हो या विदेश मे ।