Monday, December 23, 2024
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पद्मश्री से सम्मानित प्रथम अभिनेत्री थीं नरगिस

 

 

 

 

फिल्म जगत की एक बेहतरीन अदाकारा नरगिस दत्त को भला कौन नहीं जानता ।मदर इंडिया फिल्म की मां जिसने अपने बेटे को गोली मार दी थी वह दृश्य आज भी लोगों के जेहन मे ताजा  है । इस फिल्म के लिये उन्हें बेस्ट एक्ट्रैस का खिताब दिया गया था ।नरगिस जितनी खूबसूरत थीं उतना ही वह अभिनय के प्रति संजीदा थी यही कारण है कि उन्होंने वालीउड को कई बेहतरीन और हिट फिल्में दीं । शुरुआत मे राजकपूर से साथ उनकी जोडी ने धमाल मचाया फिर सुनील दत्त के साथ कई हिट फिल्में दी । आज जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी कहानियां ।                                                     जीवन परिचय एवं रोमांस ःः                                                   नरगिस का जन्म 1929 मे कलकत्ता मे हुआ था उनका असली नाम फातिमा रशीद था ।उनके पिता मोहन चन्द उत्तम चन्द एक ब्राह्मण परिवार से थे और बाद मे इस्लाम धर्म अपना कर अब्दुल राशिद बन गये थे । नरगिस की मां जद्दनबाई एक मशहूर शास्त्रीय संगीत की गायीका थींं । जद्दनबाई 1935 मे फातिमा को 6 वर्ष की उम्र मे अपनी फिल्म तलाक- ए -हक    मेे बतौर बाल कलाकार साइन किया और इनका नाम बेबी नरगिस रखा तभी से इनका फिल्मी नाम नरगिस हो गया । इसी  दौरान इनकी मुलाकात    राजकपूर से हुयी राजकपूर ने नरगिस को देखते ही उन्हेंं अपना दिल दे बैठे ।और उनसे मेल जोल बढाने लगे । उन्होंने इसी कारण 1946 मे अपनी  फिल्म आग मे बतौर अभिनेत्री साइन किया इसी फिल्म मे काम करने के दौरान नजदीकियां बढीं  दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे । उनका रोमांस लगभग नौ साल  तक चला । इस दौरान  उन्होंनेे एक साथ कई हिट फिल्में  कीं । राजकपूर हमेशा वादा करते कि वे अपनी पत्नी कृष्णा से तलाक लेकर उनसे शादी   कर लेंंगे परन्तु ऐसा  हो नहीं सका ,उसके बाद सेे नरगिस ने  राजकपूर से दूरी बना ली ।                              राजकपूूर के बाद सुनील दत्त नरगिस के जीवन मे आयेे । फिल्म म मदर इंडिया से इनके बीच नजदीकियां बढीं ,फिल्म मे सुनील दत्त नरगिस के बेटे की भूूमिका मे थे । फिल्म मे आग लगने का एक दृश्य फिल्माया गया था पर संयोग से   सचमुच मे आग लग गयी चारों तरफ अफरा तफरी मच गयी और नरगिस उस आग मेे फंंस गयी वह बचाने के लिए चिल्लाती रही पर किसी का ध्यान नहीं गया , तभी सुनील दत्त अपनी जान की परवाह किए बिना आग मे कूद गये और उनको बाहर निकाला पर खुद काफी घायल हो गये । अगले दिन नरगिस उन्हे देखने आयी तो पूछा उनके लिए उन्होंने अपनी जान जोखिम मे क्यो डाला तो सुनील दत्त ने उनसे शादी का प्रस्ताव रख दिया ।नरगिस ने मंजूर कर लिया और 1958 मे दोनो ने शादी कर ली ।                                               सफल फिल्में और पुरस्कारः                                     नरगिस ने अपने फिल्मी कैरियर की क ई सफल फिल्में दी। राजकपूर के साथ  आग, बरसात ,श्री 420 , अंदाज, आवारा ,दिन और रात , बेहद सफल फिल्में दी।राजकपूर के साथ उनकी जोडी को उस समय सबसे सफल जोडी मानी जाती थी ।                                         फिल्म मदर इंडिया के लिये उन्हे  सर्वश्रेष्ठ  अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला ।इसी फिल्म के लिये 1958 मे अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह मे सर्ववश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला । 1958 मेे ही उन्हेंं पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया । इसके अतिरिक्त फिल्म रात और दिन के लिये उन्हे सर्ववश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला ।                                                     फिल्मों के अलावा वह स्पाटिक फाउंडेशन जैसी संंस्था से भी   जुड़ी रहींं । उनके नाम से बम्बई मे एक सडक भी है ,इसके लिये उनकी याद मे राष्ट्रीय  एकता पर बनने वाली  सर्वश्रेष्ठ फिल्म को नरगिस दत्त पुरस्कार दिया जाता है । स्व इंदिरा गाांधी ने उन्हें राज्य सभा के लिए  मनोनित किया था पर वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकींं और 1981 मे       पैंक्रियाज के कैंसर के कारण 51 वर्ष की आयु मे उनका निधन हो गया ।

 

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