देश मे लोक सभा चुनावों के बाद नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने और एन डी ए की सरकार बनने से बौखलाए विपक्ष ने आक्रामक रूख अपनाते हुये सरकार को डराने की भरपूर कोशिश की । विपक्ष की कुछ सीटें बढ गयीं तो उन्हे लगने लगा कि संख्या बल भले कम है जोड़ तोड़ करके सरकार बन ही जायेगी क्यों कि नरेन्द्र मोदी और भाजपा को रोकने के लिए एन डी ए के घटक दल भी विपक्षी गठबंधन के साथ आ जायेंगे परन्तु ऐसा हो न सका और एन डी ए के सभी घटक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूती से खडे रहे । इसके बाद विपक्ष ने निर्णय किया कि सरकार को संसद मे काम काज करने नहीं देगें और विरोध भी आक्रामक तरीक़े से करेंगे,। संसद मे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इसका नजारा भी देखने को मिला प्रधानमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने से रोकने के लिए संसद मे जमकर हंगामा किया गया उनके भाषण के दौरान कांग्रेसी सदस्यों ने नारेबाजी और खूब हो हल्ला मचाया और अवरोध उत्पन्न किया बावजूद इसके प्रधानमंत्री ने अपना वक्तव्य पूरा किया और विपक्ष की शाजिश को नाकाम कर दिया । सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री ने आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरु किए तथा भ्रष्टाचार पर और कडा निर्णय लेते हुये जांच एजेंसियों को खुली छूट दे दी । जांच एजेंसियों ने भ्रष्टाचार के आरोपियों के विरुद्ध जांच तेज की तो विपक्ष ने नया विमर्श गढने की कोशिश की विपक्ष ने आरोप लगाना शुरू किया कि मोदी सरकार विपक्ष को डराने के लिये सी.बीआई. और ई.डी का इस्तेमाल करके बदले की कार्यवाही कर रही है । वर्तमान मे चल रहे बजट सत्र मे विपक्ष के तेवर ढीले पडते नजर आये ,ऐसा लगने लगा की विपक्ष को अब एहसास हो गया कि I.N.D.I.A गठबंधन चुनाव हारा है और एन डी ए जीत गया ।विपक्ष अभी सदमे से उबरा भी नही था की मोदी सरकार ने बजट पेश कर विपक्ष के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया बजट के प्रावधानों को देखकर राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस एक स्वर से कहने लगा कि मोदी सरकार उनकी भविष्य की योजनाओं को नकल करके अपना बजट बनाया है । सरकार ने बजट के दांव मे राहुल और कांग्रेस को ऐसा फंसाया है कि कांग्रेस समेत विपक्ष न तो बजट का विरोध करने की स्थिति मे है और न तो तारीफ । इस तरह सहमा सहमा विपक्ष सरकार के सामने कोई बडी चुनौती पेश कर पायेगा इसमे संदेह ही है । साथ ही सरकार ने बजट मे सहयोगी दलों के लिये महत्वपूर्ण एवं लाभकारी योजनाओं की घोषणा करके उन्हें भी साध लिया है । अतः उम्मीद की जा सकती है कि सरकार निर्बाध गति से चलते हुये अपना कार्यकाल पूरा करेगी, और यही देश के लिये आवश्यक भी है ।