भारत और रूस के संबन्ध कोई नये नहीं हैं , शीत युद्ध के समय से ही भारत की विदेश नीति गुट निरपेक्ष रही है और भारत आज भी उसी नीति पर आगे बढ रहा है । हालांकि अन्तर्राष्ट्रीय संबंध कभी व्यक्तिगत नहीं होते हर देश अपने लाभ हानि और अपने हितों को उपर रखकर ही अपने अन्तर्राष्ट्रीय संबन्ध विकसित करते हैं ।पर रूस के साथ हमारे संबन्ध परम्परागत एवं भाववनात्म रहे हैं । और यह उस समय से है जब रूस विघटन से पहले U.S.S.R हुआ करता था । भारत जब भी अकेला एवं संकट मे होता है रूस निर्भीकता से उसका साथ देने आगे आ जाता है । प्रधानमंत्री की रूस यात्रा के मायने ; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंच गये है आमतौर पर यह एक सामान्य प्रक्रिया ही लग रही है सभी देशों के प्रमुख अन्य देशों की यात्रा पर जाते ही रहते है इसमे नया क्या है । आज इसी पर चर्चा करते हैं कि आखिर यह यात्रा इतनी महत्वपूर्ण क्यों है ।दरअसल रूस के साथ भारत ने एक अहम समझौता किया था जिसके अनुसार दोनो देशों के प्रमुख वर्ष मे एक बार एक दूसरे से व्यक्तिगत रुप से मिलेंगे जिससे आपसी सम्बन्ध और मजबूत हों इस क्रम मे 2021 मे पुतिन भारत आकर इसकी शुरूआत कर दी पर जब भारत की बारी आयी तो कोविड और रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हो गया । हालांकि भारत रूस का संबन्ध अमेरिका को फूटी आंंख नहीं सुहाता है अमेरिक की फितरत है कि वह किसी का सगा नहीं है वह कभी भी किसी को भी धोखा दे सकताा है वह अपने हित साधने केे लिए दो मुल्कों को आपस मे लडाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करता है भारत के साथ भी उसने ऐसा ही करने की कोशिश की रूस यूक्रे्न यूद्ध मे वह भारत पर दबाव बनाने लगा कि भारत रूस का विरोध करे और उसके विरुद्ध बयान दे ।परन्तु भारत ने ऐसा कुुछ नही किया उसके बाद अमेरिका ने यूूूरोपिय देशो के साथ मिल कर भारत की रूस यात्रा को रोकने के लिये दबाव बनाने लगा । हालांकि उस वक्त तो भारत की रूस यात्रा स्थगित हो गयी पर भारत के विदेश मंंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की चाल और नीयत भांप गये और हर मौकों पर उसे मुहंतोड़ जबाव दिया ।अमेरिका के लाख धमकाने और षड्यंत्र करने के बावजूद भारत रूस से तेल खरीदने लगा साथ ही ईरान के चाबहार बंदरगाह पर भी काम शुरू कर दिया इस सबसे अमेरिका बौखला गया पर कुुछ कर नहीं सकता था क्योंकि भारत जानता है भारत को अमेरिका की जरुरत नहीं बल्कि अमेरिका को भारत की जरूरत हैै और इसी लिए भारत अमेरिका के किसी झांसेे मे नहीं आयाा यहां तक की भारत मे G20 केे आयोजन के समय अमेरिका ने बहुुुत कोशिश की कि आयोजन सफल न हो परन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंंकर की रणनीति ने अमेरिका की हर चाल को असफल कर दिया अमेरिका के रााष्टपति जो वाइडन ने प्रधानमंत्री पर दबाव दिया की G20 मे यूूूक्रेेन से जेलेंस्की को भी आमंत्रित करे पर मोदीजी ने स्पष्ट इंकार कर दिया अमेरिका रूस को चिढाने के लिये ऐसा करना चााहता था पर सफल नहीं हो सका वैसे अमेरिका की सत्ता जबसे वाइडन के हाथ मे आई है दुनिया मे उसकी साख गिरी है उसकी विदेश नीति पूरी तरह से असफल रही है भारत के सम्बन्ध मे तो पूरी दुनियाा मे उसकी भद्दद पिट चुकी है इन सबसे अमेरिका अपने आपे मे नहीं है और इस बार एक नये षड्यंत्र के साथ सामने आया । क्या है वर्तमान घटनाक्रम ःः भारत का एक खालिस्तान समर्थक आतंकी पनवंत सिंह पन्नू कनाडा होते हुये अमेरिका मे शरण ले लिया और अमेरिका की नागरिकता भी ले ली अमेरिका उसे अपना नागरिक मानता है ।पन्नू अमेरिका मे बैठकर आये दिन जहर उगलता रहता है पर अमेरिका चुप रहता है हाल ही मे विदेशों मे शरण लिये भारत के अपराधी एवं विदेशों मे बैठकर भारत के विरुद्ध कार्य करने वाले लगभग 56 आतंकी मार दिये गये हैं इसमें सर्वाधिक पाकिस्तान मे मारे गये है कोई अनजान व्यक्ति आता है और आसानी से इन्हें हलाक करके न जाने कहाँ गायब हो जाता है । पाकिस्तान आरोप लगाता है कि इन हत्याओं मे भारत के रा का हाथ है ,पाकिस्तान तो वैसे भी हर मामले मे भारत पर आरोप लगाता रहता है । परन्तु अब अमेरिका ने भी बयान दिया हैै की विदेशों मे रह रहेे भारत अपने दुश्मनों को मरवा रहा है हालांकि भारतीय विदेश विभाग क ई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि इन हत्याओं से भारत का कोई लेेेना देना नही हैं परन्तुु अमेरिका तो भारत को घेरनेे और दबाव बनाने का मौका तलाश रहा है ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी की रूस यात्र की खबर पहले ही रूसी मिडीया मे आ गई थे यह जान कर अमेरिका ने एक षडयंत्र के तहत यह बयान दियाा कि अमेरिका मे शरण ल़िये पंन्नू को मारने के लिये भारत के एक अधीकारी ने नखिल गुुुप्ता नामक व्ययक्ति को जिम्मेदारी दी गयी अमेरिका ने चेक गणराज्य से निखिल को गिरफ्ताार कर अमेरिका के अदालत मे पेश कर दिया । फिर भारत को धमकी देने लगा कि वह भारत के उस अधिकार का नाम सार्वजनिक कर देेेगा इसके लिये अमेरिका के NSA भारत भी आये भारत ने स्पष्ट जबाव देतेे हुए कहा आप जैसा चाहो करो । भारत ने इसका जबाब देते हुये रूस की यााात्रा पर सहमत भी हो गया और रूस के साथ रक्षा सौदा भी करेगा । भारत अब अमेरिका को मुुहतोड जबाव देने के लिए तैयार है अमेरिका कुुुछ भी कर ले यह नया भारत है न झुुुकेगा और न ही डरेगा तथा वहीं करेगाा ज़ो देश हित मेे होगा ।