Monday, December 23, 2024
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राजनीति से प्रेरित था आरोप

 

 

 

उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और विधायक मुख्तार अंसारी की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई थी ।गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के उपर क ई आपराधिक मामले दर्ज हैं इन्हीं आपराधिक मामलों मे अदालत से आजीवन कारावास की सजा हो गई थी जेल मे सजा काट रहे मुख्तार की विगत 28 मार्च को ह्रदय गति रूकने से अस्पताल मे इलाज के दौरान मौत हो गई थी । उसकी मौत पर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई थी । देश के चुनावी माहौल मे विपक्षी दल मौत को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने लगे यहां तक कि प्रदेश के घोषित अपराधी एवं माफिया का महिमामंडन करते हुए उसे गरीबों का मसीहा तक कहा जाने लगा । दिलचस्प है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तो सबको पीछे छोड़ दिया वह मुख्तार के घर मातमपुर्सी के लिए पहुंच गये । नेताओं के इस समर्थन के बाद मुख्तार के परिजनों द्वारा यह आरोप लगाकर कि जेल मे जहर दिए जाने के कारण उसकी मौत  हुयी न कि हार्ट अटैक के कारण । मुख्तार के परिजनों द्वारा इस तरह के आरोप लगाने और जांच की मांग ने सूबे के राजनीतिक हल्कों मे एक अलग बहस छेड दी । सभी विपक्षी पार्टियां प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गयीं । हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया गया फिर भी इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गये । पुलिस ने भी कहा कि बिसरा जांच के लिए भेजा जा रहा है बिसरा रिपोर्ट आने पर  मौत का कारण स्पष्ट हो जायेगा ।                                                                   अब 26 दिन बाद मुख्तार की बिसरा रिपोर्ट आगयी तथा रिपोर्ट मे बिसरे मे किसी तरह के जहर पाये जाने की पुष्टि नहीं हुयी है । रिपोर्ट न्यायिक सदस्यों को सौंप दी गयीं हैं इससें यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्तार की मौत जहर से नही बल्कि हार्ट अटैक से ही हुयी है । प्रश्न यह उठता है कि आखिर मुख्तार के परिजन और प्रदेश की समाजवादी पार्टी ने जहर देने की बात क्यों फैलायी आइए थोडा इसे समझने का प्रयास करते हैं ।                      मुख्तार अंसारी एक पेशेवर अपराधी तथा माफिया था  हत्या करना एवं लोगों की जमीनें हडपना उस का मुख्य धंधा था और इसके लिए राजनीति उसे कवच प्रदान करता था यह भी सर्वविदित है कि समाजवादी पार्टी का उसे स्पष्ट संरक्षण था । वह 6 बार विधायक एवं सांसद की कुर्सी पर जनता को भयभीत करके काबिज हो गया था । क्षेत्र की जनता भयवश उसका विरोध नहीं कर पाती थी । परन्तु उसकी मौत के बाद राहत की सांस लेने वाली गाजीपुर  म उ की जनता अब अपना मनपसंद प्रतिनिधि चुनने के लिये स्वतंत्र महसूस  कर रही  है  मुख्तार के भाई एवं बेटों को परिवार के राजनीतिक रसूख को बनाए रखने की चिंता है जो कि मुख्तार की मौत के बाद खतरे मे दिखाई दे रही है  यही कारण है की गाजीपुर की जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिये इस जहर देने वाली थ्योरी को प्रचारित किया गया । समाजवादी पार्टी ने भी मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर से अपना उम्मीदवार बनाने के साथ ही गैंगस्टर को जनता का मसीहा बताना शुरू कर दिया । अब तो देखना होगा कि चुनाव मे इस खेल का जनता पर क्या असर होता है ।

 

 

 

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