Monday, December 23, 2024
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वालीउड की ऐसी अभिनेत्री जिसकी नेहरू ने भी की थी तारीफ

फिल्मी दुनिया मे वैसे तो क ई ऐसी अभिनेत्रियां थी जो अपनी कला से एवं सौंदर्य से वालीउड पर राज करती थीं और अपने समय मे जिनके लाखों प्रशंसक थे । परन्तु कुछ ऐसी अभिनेत्रियां भी थी जो आधुनिक होते हुये भी रूढिवादी सोच के बावजूद रूढिवादी महिला के किरदार को जीवंत कर देती थीं ।उन्होंने अनेकों पुरस्कारों सहित पद्मश्री की उपाधि भी अपने नाम की ।तथा पचास और साठ के दशक के मशहूर अभिनेताओं के साथ काम करके अपने अभिनय का लोहा मनवाया । हम बात कर रहे हैं पचास साठ के दशक की मशहूर अभिनेत्री नूतन की । नूतन अपने समय की एक बेहतरीन अदाकारा थी और उन्हें वालीउड मे वेहतरीन अभिनेत्री का सर्वाधिक पुरस्कार मिला ।नूतन के अभिनय के देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु भी कायल थे और उस समय उन्होंने नूतन की खूब तारीफ भी की थी । अभिनेत्री की पृष्ठभूमिः                                               नूतन का जन्म 1936 मे महाराष्ट्र के बम्बई मे हुआ था । उनके पिता कुमार सेन समर्थ एक कवि और डाइरेक्टर थे तथा मां शोभना समर्थ 40 के दशक की एक अभिनेत्री थीं । नूतन अपने मां बाप की 4 संतानों मे सबसे बडी थी । उनकी छोटे बहन तनूजा भी मशहूर फिल्म अभिनेत्री थी तथा वर्तमान समय की प्रशिद्ध अभिनेत्री काजोल की मां हैं । नूतन ने अपनी पढाई बैगलूर के वाल्डविन्स हाई स्कूल से की थी । पढाई के साथ उन्हें घुडसवारी का भी बहुत शौक था । इसके साथ ही वह बैडमिंटन की भी अच्छी खिलाड़ी थी । इन सबके अतिरिक्त नूतन को गायकी का बहुत शौक था इसके लिये उन्होंने पं    जगन्नाथ प्रसाद  से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी ली थी । वह एक प्ले बैक सिंगर ही बनना चाहती थीं परन्तु उनकी आवाज इसके लिए उपयुक्त नहीं थी , दरअसल उनकी आवाज इतनी पतली थी कि वह पार्श्व गायन के लिये उपयुक्त नहीं थी इस लिए उन्होंने अपना इरादा त्याग दिया तथा अभिनय के क्षेत्र मे कैरियर बनाने का निर्णय लिया ।                                                कैरियर एवं फिल्मी सफरः                                      नूतन बचपन से ही अभिनय मे रूचि रखती थी । उन्होंने     छोटी उम्र से ही स्टेज शो करना शुरू कर दिया था । स्टेज पर भी नृत्य किया करती थीं । उन्होंने शास्त्रीय नृत्य की भी ट्रेनिंग ले रखी थी । महज ढाई साल की उम्र मे उन्होंने बम्बई के ताज होटल मे अपनी पहली प्रस्तुति की थी और समय बीतने के साथ फिल्मों से पहले ही वह लोगों के बीच प्रसिद्ध हो रही थी ।  1945 मे उन्होंने अपने पिता द्वारा बनाई गयीं फिल्म “नल दमयंती ” मे बतौर बाल कलाकार से अपने कैरियर की शुरुआत की । परन्तु वास्तविक रूप से 15 साल की उम्र मे उन्होंने “हमारी बेटी” साइन किया था जिसको इनकी मां शोभना समर्थ ने बनाया था और फिल्म का निर्देशन भी किया था । उन्होंने इसके लिये बेटी को अच्छी तरह ट्रेड भी किया था ।इतना ही नहीं इस फिल्म मे प्रशिद्ध अभिनेता मोतीलाल भी थे और उन्होंने भी नूतन को अभिनय के गुर बताये थे । यह फिल्म कोई खास मुकाम तो नहीं पा सकी परन्तु नूतन के काम को पसंद किया गया और उनकी एक पहचान जरूर बन गई । उसके बाद उनके पास फिल्मों के आफर आने लगे । 1951 मे उन्होंने दूसरी फिल्म “नगीना” मे काम किया । फिल्म नगीना को सेंसर बोर्ड ने A  सर्टिफिकेट दे दिया था उस समय नूतन की उम्र 16 साल की थी ।इस लिये उनके घर वाले उन्हें अपनी ही फिल्म नही देखने दिये । इसके बाद उन्होंने “हंगामा”, ” मालकिन” ,” शबाब” आदि तमाम फिल्मों मे काम किया और उनके काम को खूब पसंद किया गया ।       नूतन ने 1952 मे मिस इंडिया काम्पटीशन मे हिस्सा लिया और विजयी हो कर मिस इंडिया का खिताब हासिल किया । नूतन बडे अभिनेताओं .देवानन्द, सुनील दत्त,  राजेंद्र कुमार ,और राज कपूर के साथ काम किया और क ई सफल फिल्में दीं । परन्तु दिलीप कुमार के साथ काम करने की कसक उनके दिल मे रह गयीं थी । एक तरफ देवानंद के साथ पेइंग गेस्ट और तेरे घर के सामने जैसी सफल फिल्में ,वहीं राजकपूर के साथ अनाडी और छलिया जैसी फिल्में इंडस्ट्री मे धूम मचा रही थी । परन्तु विमल राय की फिल्मों मे आने के बाद नूतन नयी ऊचाई छूने लगीं । विमल राय की सुजाता और बंदिनी नूतन की सर्वश्रेष्ठ फिल्म थी जिसके लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला जिसकी तारीफ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु  ने भी की थी । इसके अलावा भी उन्हें अन्य कई फिल्मों मे भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुका था । अमिताभ बच्चन के साथ सौदागर , तथा दिलीप कुमार के साथ कर्मा मे काम करके दिलीप कुमार के साथ काम करने की उनकी आखरी तमन्ना भी पूरी हो गयी थी ।                                                                   नूतन ने इंडियन नेवी के कमांडर रजनीश बहल से शादी कर ली थी । उनका एक बेटा है मोहनीश बहल जो फिल्म अभिनेता है । जीवन के अंतिम समय मे वह ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही थीं । कैसर के कारण ही उन्होंने 1991 मे उन्होंने अपनी सारे अरमानों को दफन करके बीच कैन्डी अस्पताल मे अपनी अंतिम सांस ली । और एक बेहतरीन अदाकारा के 40 वर्षीय फिल्मी कैरियर का अन्त हो गया ।

 

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