Monday, December 23, 2024
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योगी के आक्रामक तेवर से सहमे अखिलेश

 

 

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कडे तेवर को देखते हुए सपा प्रमुख अखिलेश सिंह यादव सहमे हुये हैं कारण है अयोध्या और उसके बाद कन्नौज की घटना मे आरोपीयों की समाजवादी पार्टी से सम्बन्ध उजागर होने से समाजवादी पार्टी बैकफुट पर आ गयी है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कडी कार्यवाही से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागते नजर आये और बयान एवं पत्र जारी कर कि आरोपी से समाजवादी पार्टी का कोई सम्बन्ध नहीं है ,हालांकि इस बात के अनेकों प्रमाण सार्वजनिक हैं कि कन्नौज कांड का अभियुक्त नबाव से अखिलेश यादव एवं उनकी पत्नी डिंपल यादव से गहरे रिश्ते हैं । सरकार के विध्वंसात्मक कार्यवाही से सपा बौखलाई हुयी है ।                                                       योगी की नजर उपचुनावों पर ःः                              प्रदेश मे  होने वाले उपचुनावों पर भारतीय जनता पार्टी विशेष तैयारी के साथ मैदान मे है । लम्बे समय से अयोध्या राममंदिर आंदोलन मे शामिल रहने एवं उसके लिये अपनी सरकार गवां देने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी 2024 के संसदीय चुनाव हार गयी ,इस हार से पूरी पार्टी आहत हुयी ।  अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा के विधायक अवधेश प्रसाद के फैजाबाद संसदीय क्षेत्र सांसद चुन लिए जाने के कारण मिल्कीपुर विधानसभा मे उप चुनाव होने है भाजपा संसदीय चुनाव के हार का बदला सपा से यह सीट छीन कर लेना चाहती है और इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाल ली है और पूरी आक्रामकता से सपा पर हमलावर है उधर सपा भी इस सीट पर बढत बनाकर यह सिद्ध करना चाहती है कि प्रदेश मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू उतर चुका है ।   परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे तेवर मे हैं और समाजवादियों के भ्रष्टाचार एवं अराजकता के विरुद्ध त्वरित एवं कठोर कार्यवाही से अपनी छवि से जनता मे विश्वास कायम करने मे पूरी तरह सफल होते दिखते हैं।      उप चुुनावों मेे कानून ब्यवस्था पर योगी जी की मजबूत पकड एवं सुधार ने  भााजपा को प्रदेश मे मजबूत स्थिति    मे खडा कर             दिया है । इस के अतिरिक्त उपचुनावों को सभी दल 2027 के विधानसभा चुनावों केे सेमीफाइनल के रूप मे देख रहे हैं । इस लिए उप चुुनावों मेे अपनी ताकत का एहसास कराने के लियेे प्रयास  हैं ।                                 अखिलेश यादव को नुकसान ःः                               वास्तव मे संसदीय चुनावों मे जिस तरह सपा के अखिलेश यादव भाजपा को पीछे छोडते हुये आगे बढे उससे पूरी पार्टी का मनोबल बढा हुआ था और अखिलेश यादव भी पूरी तरह उत्साहित थे परन्तु हाल की कुछ घटनाओं मे अखिलेश के कुछ निर्णयों से पूरी पार्टी बैकफुट पर आ गयीं और पार्टी की छवि को भी काफी नुकसान हुआ । पहली घटना अयोध्या और कन्नौज मे हुये बलात्कार कांड के तार सपा नेताओं से जुड़े होने के कारण सपा की काफी छीछालेदर हुई इसका खामियाजा पार्टी को आने वाले समय मे भुगतना पडेगा ।दूसरी घटना पार्टी ने पिछडो एवं दलितों की अनदेखी करते हुये सवर्ण कार्ड खेलते हुये माता प्रसाद पाण्डेय को विधानसभा मे नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया जिससे पिछडो एवं दलितों के साथ अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भी काफी आहत हुये इसका नुकसान भी पार्टी को होना अवश्यंभावी है । तीसरी घटना पश्चिम बंगाल मे ट्रेनी डाक्टर के साथ हुये सामूहिक दुराचार से आक्रोशित पूरे देश मे हो रहे विरोध प्रदर्शन और कठघरे मे खडी ममता बनर्जी पर समाजवादी पार्टी एवं अखिलेश यादव की कोई टिप्पणी न आने से भाजपा के हमले के जबाव मे खामोशी समाजवादी पार्टी को भारी पड रही है और अखिलेश को इस मुद्दे पर काफी नुकसान  हो सकता है ।    इसके अतिरिक्त संसदीय चुनावों मे समाजवादी पार्टी द्वारा हुये नुकसान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आक्रामक तेवर दिखाना शुरू कर दिया है योगी जी 2027 के विधानसभा चुनावों को केन्द्रित कर समाजवादी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे है समाजवादी पार्टी से सहानुभूति एवं संपर्क रखने वाले अफसरों से ले कर कर्मचारियों तक को उनके कोप का भाजन बनना पड रहा है ।योगी जी अपराध एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर काफी संवेदनशील हैं और ऐसे मुद्दों का त्वरित निष्पादन उनके चरित्र मे शामिल है । वह किसी भी तरह के समझौते के विरोध मे मुखर रहते हैं ।मुख्यमंत्री के इस आक्रामकता के कारण अखिलेश  पूरी समाजवादी पार्टी

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