Monday, December 23, 2024
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ये चिराग बुझ रहे हैं मेरे साथ जलते जलते

 

 

फिल्म जगत की एक ऐसी शख्सियत जो प्यार की तमन्ना लिए टूटी हुयी जिन्दगी को अलविदा कह कर असमय ही मौत को गले लगा लिया । यह कहानी है फिल्म जगत मे ट्रेजडी क्वीन नाम से मशहूर एक शानदार अदाकारा मीना कुमारी का जिनका पूरा जीवन अधूरा ही रहा और इसी की कशक उनकी मौत का कारण भी बना । मीना कुमारी का असली नाम महजबीं था उनके पिता अली बख्श पारसी थियेटर के एक उम्दा कलाकार थे । थियेटर का काम उनदिनों अच्छा नहीं चल रहा था इस कारण अली बख्श की जिन्दगी मुफलिसी मे बीत रही थी आर्थिक तंगी के बीच महजबीं का जन्म हुआ , बेटी के जन्म से वह बहुत क्षुब्ध थे उन्हें बेटे की चाह थी परन्तु बेटी के जन्म होने पर आर्थिक तंगी के कारण वह उसे अनाथालय के दरवाजे पर रख कर चुप चाप चले आये । परन्तु उनका जमीर उन्हें धिक्कारने लगा संतान मोह उत्पन्न हुआ और अनाथालय के दरवाजे से बेटी को सीने से लगाये उसे घर ले आये । बेटी महजबीं को फिल्मों मे काम दिलाने के लिए उनकी मा फिल्म निर्देशकों के वहां चक्कर लगाने लगीं । इसी दौरान वह निर्देशक विजय भट्ट के यहां पहुंची तो विजय भट्ट ने अपनी फिल्म लैदरफैस मे बेबी महजबीं को बाल कलाकार के रुप मे मौका दे दिया । उसके बाद 13 वर्ष की उम्र मे लगातार फिल्मों मे काम करने के कारण विजय भट्ट ने उनका फिल्मी नामकरण करते हुए उनका नाम बेबी मीना रखा जो आगे चलकर मीना कुमारी के नाम से मशहूर हुआ ।                                     मीना कुमारी एक मंझी हुयी अदाकारा थींं । उन्होंने लगभग 90 फिल्मों मे काम किया । फिल्म साहब बीबी और गुलाम ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई इस फिलम मे उनके अभिनय ने उन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया ।उसके बाद 1952 मे आई फिल्म बैजू बावरा के बाद उनका जादू सिर चढ कर बोलने लगा इस फिल्म के लिये उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया ।                        उनकी जिन्दगी मे कमाल अमरोही का आगमन एक प्रमुख घटना थी । फिल्म तमाशा की सूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात कमाल अमरोही से हुयी । उस दौरान उनका एक एक्सीडेंट हुआ था और कमाल अमरोही ने उनका बहुत ख्याल रखा जिससे उनकी नजदिकियां बढने लगी दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे और फिर  परिवार के विरोध के बावजूद मीना कुमारी ने कमाल अमरोही से शादी कर ली । शादी से नाराज उनके पिता अली बख्श उन्हें घर से निकाल दिया ।वह कमाल साहब के घर रहने के लिये आ गयीं और इसी के साथ उनके जीवन की ट्रेजडी शुरू हो गयीं । कमाल मीना पर जरूरत से ज्यादा शक करते थे उन्होंने उनके उपर क ई पाबंदियां भी लगा रखी थी और वह मीना के साथ मारपीट भी करते थे । मीना कुमारी उच्श्रृंखल स्वभाव की महिला थी इन पाबंदियों से आहत होकर वे उनसे अलग हो गयीं । फिल्म पाकीजा उनकी यादगार और आखिरी फिल्म थी जिसका निर्देशन कमाल अमरोही ने ही किया था  इस फिल्म को बनने मे 13 साल लग गये और 1972 मे यह फिल्म पर्दे पर आई ।उस समय मीना कुमारी कमाल से अलग हो चुकी थीं  और धर्मेन्द्र के प्यार मे पागल थीं । पाकीजा फिल्म देख कर मीना ने कहा था उनके पूर्व पति कमाल अमरोही एक लाजवाब निर्देशक हैं । पाकीज़ा फिल्म के आने के कुछ महीनों बाद ही 38 वर्ष की कम उम्र मे ही मीना कुमारी की मौत हो गयीं वह ब्रांडी का अत्यधिक सेवन करती थीं इस कारण उन्हें लीवर सिरहोसिस हो गया और यही उनकी मौत का कारण बना ।मीना जीवन भर प्यार के लिये तरसती रहीं पर उन्हें सच्चा प्यार नसीब नहीं हुआ । एक उम्दा अदाकारा होने के बावजूद उनका सम्पूर्ण जीवन अधूरा ही रहा जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके जीवन मे ट्रेजडी ही ट्रेजडी रही शायद इसी लिए उनकी पहचान फिल्म जगत मे ट्रेजडी क्वीन के नाम से होती रही ।

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