Monday, December 23, 2024
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कांवड़ यात्रा को लेकर राजनीतिक घमासान

 

 

 

उत्तरप्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कांवड़ यात्रा के शुरू होते ही दिये गये एक आदेश से समूचे देश मे हडकंप मच गया ,साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी सुविधा के अनुसार तुष्टिकरण की राजनीति शुरु कर दी । योगी आदित्यनाथ ने फरमान जारी किया कि कांवड़ यात्रा के मार्ग मे होटलों, ढाबों , ठेले ,रेहड़ी वालों को अपने दुकान के बाहर अपना नाम लिखना  अनिवार्य होगा ,सरकार के इस फैसले को लागू कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया ।                                         सरकार के इस आदेश के आते ही राजनीतिक दलों ने इसका विरोध करते हुये आरोप लगाया कि सरकार एक संमप्रदाय के लोगों को निशाने पर लेकर इस तरह की कार्यवाही कर रही है । उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चूंकि संसदीय चुनावों मे इस संमप्रदाय के लोगों ने भाजपा को वोट नहीं किया था इसीलिए बदले की  सुभावना से इस तरह के आदेश जारी किये गये हैं । इसी बात को लेकर पक्ष विपक्ष मे तकरार शुरू हो गया ।इसी दौरान कुछ लोग मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गये और न्याय की गुहार लगायी । सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुये कि सरकार पुलिस द्वारा आदेश अनुपालन न करवा कर संबन्धित विभाग द्वारा आदेश अनुपालन करवाने का निर्देश जारी करे और तब तक के लिये इस आदेश के अनुपालन पर रोक लगा दी तथा 26  जुलाई को इस मामले पर सुनवाई की तारीख नियत कर दी।                                                                                      सरकार का पक्षः   इस समम्बन्ध मे सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रा के मार्ग मे स्थित तमाम होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट  हिन्दू धार्मिक नाम रख कर अपनी पहचान छिपाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं जो कांवड़ियों मे भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं जो सर्वथा अनुचित है सिर्फ़ कांवडियों को ही नहीं बल्कि पूरे देश के नागरिकों का अधिकार है कि उन्हें पता होना चाहिए कि वह खाने पीने की सामग्री जहां से ले रहे हैं वह किस का  है इसमें कुछ भी गलत नही है ।सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी को व्यवसाय करने से नहीं रोका गया है ।नेमप्लेट लगाने के बाद भी जो वहां जाना चाहता है ंंवह जा सकता है इसपर सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है बस दुकान के मालिक का नाम सार्वजनिक करना अनिवार्य है । सरकार ने अदालत मे हलफनामा प्रस्तुत कर दिया है और अदालत के निर्णय की प्रतिक्षा कर रही है ।                                                                             अदालत के अंतरिम रोक के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फैसला वापस लेने के मूड मे नहीं हैं उनका कहना है कि नेमप्लेट लगााना  हर हाल मे आवश्यक  होगा  , सरकार किसी के आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी । इस पर हो    रही राजनीति पर मुख्यमंत्री नेे तंज कसते हुये कहा कि विरोध कर रही समाजवादी पार्टी के मुखिया स्व. मुलायम सिंह ने सर्वप्रथम अपने कार्यकाल मे इस को कानूनन लागू करने का आदेश दिया था फिर आज इसका विरोध विशुद्ध राजनीति और तुस्टीकरण ही है । सरकार के इस आदेश का हिन्दू समाज और कांवडियो ने स्वागत किया है।

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