राजनीति कितनी निष्ठुर और संवेदनहीन होती है इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान मे ,I.A.S की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की बे समेंट के लाइब्रेरी मे अचानक पानी भर जाने से डूबने से मौत हो गयीं । इसके साथ ही उन मां बाप के सपने भी दम तोड दिये जिन्होंने अपना पेट काटकर उन्हें इस लिए भेजा था कि ये एक दिन परिवार एवं देश के कर्णधार बनेंगे । परन्तु हुक्मरानों के नाकारेपन का शिकार हो कर असमय ही काल के गाल मे समा गये । परिजनों की सूनी एवं स्वप्निल आखें उनको हमेशा इस आशा से ढूंढ़ती रहेंगी कि उन्होंने क्या बिगाड़ा था किसी का ,। हद तो तब हो गयीं जब दिल्ली के तख्तेताउस पर बैठे हुक्मरानों ने उनकी सुध लेने के बजाय घिनौनी सियासत शुरू कर दी।और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर अपना दामन बचाने लगे।
कठघरे मे दिल्ली की सरकारः दिल्ली मे विगत 10 वर्षों से आम आदमी की सरकार है इसके अतिरिक्त दिल्ली म्यूनिसिपल कार्पोरेशन मे भी आम आदमी ही काबिज है ऐसे मे पूरे घटनाक्रम से पल्ला झाड लेना संवेदनहीनता एवं बेशर्मी की पराकाष्ठा है परिजनों की बूढी आखों मे छिपा दर्द न तो इन्हें दिखाई देता है और न ही इसकी कल्पना ही कर सकते हैं इन्हें तो सत्ता की मलाई खाने से मतलब है । दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब घोटाले मे तिहाड़ जेल मे बन्द हैं दिल्ली की जनता का दुःख देखेगें पर पद से त्यागपत्र नहीं देगें अगर पद पर कोई दूसरा आता है तो शायद वो जनता की तकलीफें समझ सके पर अरविंद केजरीवाल का कुर्सी मोह जनसमस्याओं से बढ कर है जनता से झूठ बोलना ,गुमराह करना और उनका वोट भी हासिल करना इन सब मे केजरीवाल को महारत हासिल है । केजरीवाल एवं उनकी आम आदमी पार्टी ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर ठीकरा फोडते हुए कहा कि इस घटना के लिए दिल्ली के एल.जी जिम्मेदार हैं क्यों कि दिल्ली केन्द्र शाशित प्रदेश है इस लिये अधिकारी उनकी बात ही नहीं सुनते । हालांकि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास के आधुनिकरण मे करोड़ों रुपये फूंक डाले तब किसी अधिकारी ने हाथ नहीं बांधे थे पर जैसे ही जनसरोकार के मुद्दे आते हैं अधिकारी इनके प्रतिकूल हो जाते है इसके अतिरिक्त इन कोचिंग संस्थानों के प्रतिबंध निर्माण कैसे हुआ, सीवर की सफाई क्यों नहीं की गयीं, ड्रेनेज सिस्टम व्यवस्थित क्यों नहीं किया गया इन सब का जबाव दिल्ली सरकार के पाह अ
अदालत की तल्ख टिप्पणी ः राव I.A.S कोचिंग सेन्टर मे हुयी छात्रों की मौत से आहत दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए तल्ख टिप्पणी की है । अदालत ने कहा की ऐसे दिल्लीवासीयों की जान जाने नहीं दे सकते ।उन्होंने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुफ्त की रेवडियां देकर सरकार ने खजाना खाली कर दिया और आज वेतन देने के पैसे नहीं है ऐसे मे बुनियादी ढांचेको दुरूस्त करने का कार्य कैसे होगा । दिल्ली हाईकोर्ट मे दायर की गयी याचिका की सुनवाई करते हुये न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राय ने उक्त टिप्पणीयां की । अदालत ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि जांच सही ढंग से नहीं हुआ तो मामला केन्द्रीय जांच एजेंसियों को सौंप देगें । राज्यसरकार पर टिप्पणी करते हुये अदालत ने कहाकि एम।सी.डी और पुलिस की मिलीभगथ से इस तरह कि घटनाएं घटित होती हैं ।इतना ही नही ,इसके अतिरिक्त अदालत ने यह भी कहा कि चंद छोटे अधिकारीँँ को हटाकर सरकार अपनी पीठ थपथफा रही हैं।