Monday, December 23, 2024
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अपराधियों के एनकाउंटर पर भी जाति तलाशने की राजनीति

 

 

 

 

दुनिया के सबसे बडे और पुराने लोकतंत्र का इतना बीभत्स रूप पहले कभी नहीं देखने को मिला और न सत्ता के प्रति इतनी लालसा भी कभी देखी गयीं । सत्ता के लिए देश एवं देश की सुरक्षा के प्रति राजनेताओं की घिनौनी राजनीति देश को कहां लेकर जायेगी यह एक विचारणीय प्रश्न है ।  गुन्डों ,माफियाओं की मौत को जातिगत  तराजू से तौलना एक सभ्य समाज मे कहां तक जायज है यह देश को सोचना पडेगा ।                             2017 से उत्तर प्रदेश मे जबसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी  अपराधियों , गुंडों , मवालियों तथा अराजक तत्वों पर योगी जी ने निर्णायक प्रहार करना शुरु किया । कभी प्रदेश मे आतंक का पर्याय रहे  अतीक अहमद , मुख्तार अंसारी , विकास दूबे जैसे अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ मे मार गिराया  और तमाम अपराधी प्रदेश छोड़ कर भाग गये कुछ ने तो मुठभेड़ के डर से पुलिस से जेल जाने के लिए शिफारिश करने लगे । प्रदेश की जनता इन अपराधियों के खात्मे के साथ ही चैन एवं सुकून की सांस ली । परन्तु उन राजनीतिक दलों के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं था जिनके द्ववारा इन्हें संरक्षण दिया जाता था और चुनाव मे इनका इस्तेमाल कर सत्ता के शीर्ष  तक की यात्रा की जाती थी ।और योगी जी का यह रूख उन्हें बेचैन करने के लिए काफी था ।                                                    समाजवादी पार्टी से अपराधियों की निकटताः             प्रदेश मे समाजवादी पार्टी के उदय के साथ ही प्रदेश मे अपराधियों का बोल बाला होने लगा था कारण था गांव से  साधारण परिवार से आये समाजवादी पार्टी के मुखिया स्व  मुलायम सिंह यादव के लिये सत्ता की राह इतनी आसान नही थी क्योंकि प्रदेश मे कांग्रेस की मजबूत सरकार थी और देश मे कांग्रेस पार्टी का काफी दबदब था ।  ऐसे मे सपा मुखिया मुलायम सिंह ने दो रणनीति अपनाई एक तरफ उन्होंने जातिगत राजनीति को हवा देना शुरू किया तो दूसरी तरफ माफियाओं और अपराधियों को संरक्षण देकर उनका इस्तेमाल करने लगे । अपने इस रणनीति की बदौलत वह कांग्रेस को कमजोर करते गये और सत्ता की सीढियां चढते गये । और इसी की बदौलत उन्होंने प्रदेश मे तीन बार अपनी सरकार बनायी और हूकूमत करते रहे और प्रदेश की जनता भय और आतंक के साये मे रहने को मजबूर हो गयीं ।            भाजपा ने परिस्थितियां बदल दी ः                             प्रदेश मे भाजपा ने 2017 मे योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की बागडोर सौंप दी ।योगी जी गोरखपुर स्थिति गोरखनाथ मठ के उत्तराधिकारी हैं तथा मठ और राजनीति उन्हें विरासत मे मिली है ।राजनीति मे आने के बाद से ही उन्होंने कभी अन्याय और अत्याचार का साथ नहीं दिया । प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही उन्होंने जाति के तिलिस्म एवं अपराधियों के मकडजाल पर तीव्र प्रहार किया । जिससे समाजवादी पार्टी जैसी राजनैतिक पार्टियों का सूरज डूबता गया । अपना फिसलता जनाधार देख कर बौखलाए समाजवादीयों ने जाति और अपराध के बल पर एक बार पुनः सत्ता पर काबिज होने का स्वप्न देखने लगे ।                                  विगत दिनों प्रदेश के सुल्तानपुर जिले मे सरार्फा व्यापारी के यहां  डकैती को अंजाम दिया गया था ,पुलिस जांच के बाद डकैती मे शामिल अभियुक्तों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही थी । पुलिस के दबाव से भयभीत होकर एक अभियुक्त ने न्यायालय मे समर्पण कर दिया अन्य अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ,हालांकि गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्तों को काबू करने के लिये उनके पैरो मे गोली मारनी पडी । एक मुख्य अभियुक्त मंगेश यादव अभी भी पकड से दूर था  वह एक कुख्यात अपराधी  था उसके विरुद्ध अनेकों मुकदमे दर्ज थे। उसके उपर एक लाख का इनाम भी घोषित था । अंत मे सूचना मिलने पर पुलिस ने उसकी घेराबंदी की परन्तु उसके द्वारा पुलिस पर लगातार फायरिंग करने के कारण पुलिस द्वारा जबावी फायरिंग के दौरान मुठभेड़ मे वह ढेर हो गया ।                                                                    उसके मौत की खबर आने के साथ ही प्रदेश मे जाति की राजनीति तेज हो गयी       समाजवादी पार्टी आरोप लगा रही है कि चूंकि अपराधी यादव था इस लिये सरकार ने जानबूझकर उसे मार दिया ।कांग्रेस ने भी जाति की राजनीति करने का सरकार पर आरोप लगाया ।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो यहां तक कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक संप्रदाय एवं जाति को निशाना बना रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर वह सरकार के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे । वास्तव मे अभी कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  एक बयान देकर बंटोगे, तो कटोगे , एक रहोगे तो नेक रहोगे ।जनता मे एकजुट रहने का सदेश दिया था उसके जबाव मे अपराधी की जाति पर सवाल खडे करके समाज को बांटने की अपनी मंशा जाहिर कर दी । समाज को बांटने के लिये ही वह इस मुद्दे को लगातार हवा दे रहे हैं ।                                            अब प्रदेश की जनता को तय करना है कि समाज का बंटवारा किस हद तक हितकर है या आज देश की परिस्थितियों के मद्देनजर एकजुटता मे ही समाज का उत्थान है ।  राजनेता समाज क़ो बांट कर अपनी राजनीति करते रहेंगे उन्हें न तो देश से कोई मतलब है और न त़ो देश की जनता से । विकसित भारत की परिकल्पना तभी साकार होगी जब देश जाति धर्म से उपर उठ कर विकास मे सहयोग करेगा ।

 

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